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दूनिया DUNIYA Hindi Poem Bhushan Singh Writer

  दूनिया को जितना देखा, उतना सिखा, उतना जाना है | कोइ किसी का नही यहां पे, हर दूजा बेगाना हैं || दूनिया को जितना देखा, उतना सिखा, उतना जाना है. यहां सब को तोप चलाना हैं, अंबर के उपर जाना हैं | खूद को जो पहचान सके ना, वो पंडित मौलाना हैं || कोइ हिटलर है , कोइ गालिब है , कोइ बन बैठा दिवाना है. दूनिया को जितना देखा, उतlना सिखा, उतना जाना है. एक बात भूषण की मान जाव, खूद को तूम पहचान जाव | मिले ना मंजील विपरत पथ पे, पहले पथ को जान जाव || चलना होगा स्वयं ही तूझको , जहां भी तूझको जाना है. कोइ किसी का नही यहां पे, हर दूजा बेगाना हैं दूनिया को जितना देखा, उतना सिखा, उतना जाना है.
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You have to Do Adjustment For SUCCESSFUL Life. Bhushansinghwriter quotes

You have to Do Adjustment  For SUCCESSFUL Life.                                                 Thoughts of   Bhushan Singh

हे वीर - इतिहास बना दे | Motivational Poetry by Writer Bhushansingh

जीवन के मैदान में, हर कदम पे जंग हैं | लड़ना पड़ेगा तुझको ही, कोई नहीं तेरे संग हैं || खुद का अस्तित्वा कर , ऐसा नेतृत्वा कर | इस जंग के मैदान में, दुश्मन को तू चित कर || खुद को तू जीत का लिबास बना दे | हे वीर - इतिहास बना दे.. || निर्णय पे अपने अटें रहो , लक्ष्य को तुम रटे रहो | विश्वास का पहाड़ बना हर मुश्किल पे डंटे रहो || कर के अपनी जीत सबके होश उड़ा दे | हे वीर - इतिहास बना दे.. || अगर किये तैयारी हो, सब पर तुम भारी हो | फ़तेह का झंडा गार ही दोगे, बेशक दुनिया सारी हो || करके कोशिश खुद को, तुम खाश बना दे | हे वीर - इतिहास बना दे.. || आम नहीं तुम ख़ास हो,तुम खुद ही खुद के बॉस हो | सफलता की तैयारी में आत्म विश्वास से लैस हो || भूषण जैसे सपनो को तू प्यास बना दे || हे वीर - इतिहास बना दे.. || लेखक - भूषण सिंह 

मै युवाओं के बीच अंग्रेजी भाषा के प्रति बढ़ते लगाव और हिंदी भाषा की अनदेखी करने की वजह से बेहद निराश होता हुँ । लेखक - भूषण सिंह

सबसे पहले आप सब को हिंदी दिवस की हार्दिक  शुभकामनाएं ।  दोस्तों क्या आप को पता हैं ?...  आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितंबर   1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था । जिसके बाद हर साल 14  सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। और तभी से   हर   साल  14  सितंबर   को   देशभर   में   हिंदी   दिवस   मनाया   जाता   है ।  मगर अफ़सोस की आज भी हिंदी भाषा को उसका हक़ नहीं मिला हैं , और इसकी सबसे बड़ी वजह हैं हम और हमारी युवा पीढ़ी , जिसे दिन रात हम इंग्लिश सिखने बोलने के लिए प्रेरित करते रहते हैं , हम सब को ऐसा लगता हैं की इंग्लिश पढ़ने लिखने व बोलने वाले लोगो को दोस्त समाज और देश दुनिया में ज्यादा तरजीह दी जाती हैं , जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं हैं , आप खुद ही देख लीजिये आज अपने देश में सफल व्यक्तियों के लिस्ट में सबसे ज्यादा हिंदी बोलने वालो की तादाद हैं , दस्तो सफल व्यक्ति बनने के लिए इंग्लिश का नहीं बल्कि लगनशीलता बुद्धिमता और सहनशीलता की जरुरत होती हैं , जो की हिंदी भाषियों  में ज्यादा होती हैं और यही वजह हैं की हिं

wo mere sanwre में आप सब को श्याम दीवानी एक लड़की की तड़प और समर्पण का संयोग देखने व सुनने को मिलेगा bhushansinghwriter

दीवानी सी एक लड़की श्याम के इश्क़ में श्याम को अपना सब कुछ मान बैठी हैं , और  श्याम को ही अपने  जीवन का लक्ष्य बना श्याम  के जोग में जोगन बन बैठी  हैं ,    # MANNMUSICENTERTAINMENT  की इस पेशकश "ओ मेरे सांवरे" ( भजन ) में आप सब को उस दीवानी की तड़प और समर्पण का संयोग देखने व सुनने को मिलेगा , श्री कृष्णा - जन्माष्ठमी  के अवसर पे आप सब के लिए “ MANN MUSIC ENTERTAINMENT " और   "महेश्वर  फिल्म्स  इंटरनेशनल "  के तरफ से ये गीत  भेंट स्वरुप हैं,   साथ ही साथ आप और आप के सम्पूर्ण परिवार को "MANN MUSIC E NTERTAINMENT "  # MFI  और "  # WOMERESANWRE  " के टीम की तरफ से हार्दिक शुभकामनाये हैं ,  इस गीत की जो सबसे खास बात हैं वो यह हैं की इस भजन को अपने मधुर आवाज़ से सुशोभित करने वाली  # शकुंतलाराउत    जी की उम्र 60+ हैं , मगर ये उनकी कृष्णा- प्रेम की उपज  ही हैं जो की ये भजन इतना खूबसूरत बन गया हैं , जिसे शब्दों में पिरोया हैं आप सब के भाई , दोस्त , हमउम्र  # भूषणसिंह  ने .... यानि की मैं. और संगीत हैं , भजन की दुनिया में महारत हासिल किये संगीत नि